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(१) कबीर चरित्र बोध १४५५ विक्रमी जेठ सुदी पूर्णिमा दिन सोमवार।

(२) डा॰ श्याम सुन्दर दास का विश्वास है कि कबीर को जन्म तिथि के सम्बन्ध में कबीर पंथियों में प्रचलित यह दोहा सत्य है।

चौदह सौ पचपन साल गए, चन्द्रवार इक ठाट ठए।
जेठ सुदी घरसायत को, पूरनमासी प्रगट भए॥

कबीर रामानन्द के शिष्य थे। डॉ॰ मोहन सिंह, डॉ॰ राम कुमार वर्मा, डॉ॰ श्याम सुन्दर दास इस सम्बन्ध मे भक्त माल से मत साम्य रखते हैं। रामानन्द का जन्म समय संवत् १३७५ निश्चित किया गया है।

कबीर की मृत्यु—कबीर का निधन कब हुआ यह भी रहस्य बना हुआ है। धर्मंदास के अनुसार उनका महा प्रयाण काल १५६९ भक्तमाल की टीका के अनुसार उनका मृत्यु समय संवत् १५४९ है और जनश्रुति के अनुसार कबीर १५७५ में दिवंगत हुए।

कबीर की रचनाएँ—कबीर के नाम पर निम्नलिखित एकसठ रचनाएँ उपलब्ध है:—

(१) अगाध मंगल।
(२) अठपहरा‌
(३) अनुराग सागर।
(४) अमर मूल।
(५) अजंनाम कबीर का।
(६) अलिफनामा।
(७) अक्षर खंड की रमैनी।
(८) अक्षर भेद की रमैनी।
(९) आरती कबीर कृत।
(१०) उग्र गीता।
(११) उग्र ज्ञान मूल सिद्धान्त-दश मात्रा।
(१२) कबीर और धर्म दास को गोष्ठी।
(१३) कबीर की बानी।
(१४) कबीर अष्टक।
(१५) कबीर गोरख की गोष्ठी।
(१६) कबीर की साखी।
(१७) कबीर परिचय की साखी
(१८) कर्म काण्ड को रमैनी।