पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/१११

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सच्चे खिनियान की यात्मिक गति। १०३ 8 जब बोलता है यह काम त कर तब काम को हाज़िर हो निडर जब दिल में रहे वह चुपचाप तब कुछ मत करो श्राप से आप ॥ ५ पस बात यह है ऐ मेरी जान फकत मसीह का कहना मान हो उस का हुक्म मुझ पर फर्ज और उस को रज़ा मेरी ग़र्ज ॥ L.M. १ १७ सत्तानवेवां गीत जब तक ऐ मेरे बाप खुदा मैं इस परदेस में रहंगा तू मुझे बोलना यह सिखा वाप मेरे तेरी मरजी हो । २ अज़ीज़ जो है हर तरह से जब कहे त वह मुझे दे तव कहूं मैं खुदावन्द ले बाप मेरे तेरी मरज़ी हो ॥ ३ जब छोड़ना हो खास दिल का यार मैं जान तब कि मौत के पार फिर उसे देखं आखिरकार बाप मेरे तेरी मरज़ी हो ॥