पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/११६

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१०८ सच्चे ख्रिष्टियान की अत्मिक गति । और हमें फिर पहुंचाया है खुदा के अनकरीब पस दिल का फख सदा है मसीहा को सलीब १०१ एक सौ पहिला गीत । १ आह दुर्गत दुराचार जो मैं हूं किस के द्वारा याप मेरा मिटेगा मुझ दुष्ट को कौन बचाने परमेश्वर से मिलाने और साप से आड़ने सकेगा। २ जो ईश्वर लेखा लेता और पाप का पलटा देता क्या होता मेरा भाग तब मरना बिलबिलाना और दांतों किचकिचाना और मिलतो मुझे नरक भाग । ३ हे दुर्गों की सरन हे ईसा तेरा चरन मैं धर पकड़ता हूं