पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/१४५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

प्रार्थना और इबादत । १३० ॥ सब पाप की क्षमा दान तु दे स्तुति से स्तुति से इस दिन को माने प्रभु के २ आनन्द से जाये तेरे घर आराधना करें तेरी ही हे ईसा हम पर दया कर निर्बल को बल दे सामर्थी स्तुति मे स्तुति से इस दिन को माने प्रभु के ईसा मसीह के कारण से सब पाप की क्षमा दान तू दे स्तुति से स्तुति से इस दिन को मान प्रभु ३ हम सभी का त शिक्षक हो और अपना धर्म प्रकाशित कर जो निश्चिन्त हो जगा उन का त प्रगट हो सब लोगों पर स्तुति से स्तति से इस दिन को माने प्रभु के ईसा मसीह के कारण से सब पाप की क्षमा दान तू दे स्तुति से स्तुति से इस दिन को माने प्रभु ॥