पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/१४९

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प्रार्थना और इबादत । १४१ १३६ एक सौ छत्तीसवां गीत । 8,7s. १ तेरी बरकत हम पर आवे आज को रात खुदावन्दा वद खियाल और सेच जावे हाफ़िज़ हो तू ऐ खुदा गरचि आसपास खतरे हावें गरचि चल मौत के तीर ख़ातिरजम हो हम सोवें जो त हावे खबरगीर ॥ २ हरचंद होवे रात अंधेरी हम न छिपे हैं तुझ से आंख न कभी सोती तेरी एकसां रात और दिन तुझे आज की रात में मौत जो आवे उठे फिर न विसतर से काश आसमान पर हर एक जावे और सआदत मैं रहे 7s. १३० एक सौ सैंतीसवां गीत । काम से हाथ उठाता हूं सोने को मैं जाता हूँ १