पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/१८५

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गीत । १99 बैल गधा घोड़ा गिद्ध और चील कुरुंदर मक्खी ऊंट और फील ॥ ५ किसी को पर किसी को बाल एक ऐसा एक को वैसा खाल एक को है सोंग एक को है दुम एक को है पंजा एक का सुम ॥ ६ पर आदमियों की फर्क फर्क ज़ात उन में है कहां ऐसी बात दुम सम खाल बाल का फर्क जो है नब्राह्मन न चमार को है। पर एक ही ज़ात है भाईयो खुदा की सना गाईयो यह उस के रह्म की है बात कि हमें दी इनसान की जात॥ १ वधा १०३ एक सौ तिहत्तरवां गीत । थक और हार भी जाके अति दुखी है सक यो बोलता मुझ को आके खुशी ले ॥