पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/१८६

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995 गीत । २ क्या मैं उस के चिन्ह पहचान जा वह अगवा हो पांव हाथ पसली मैं देख भाई उस के घाव । ३ क्या वह राजा हो के सिर पर ताज पहिनता है हां सचमुच एक ताज वह रखता कांटों से ॥ ४ उसे पा जो पीछे चलं वह बखश देगा क्या अति और मिहनत अति और रोनाम नो नित्य उसे ग्रहण करूं क्या है आखरकार दुख और मिहनत से छुटकारा यरदन पार॥ ६ ना यों मांगं मुझे ले तो क्या वह बोलेन उस से पहिले जग समान भी टल जावै॥ पा होले और मिहनत करके याशीष पाऊंगा दूत और संत और आगमन्नानी बोलते हों। 9