पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/२२

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१४ परमेश्वर की जात श्रो गुण । परमेश्वर की जात औ १४ चौदहवां गीत। 11s. १ से मेरी आत्मा परमेश्वर को जान अनाद और अनन्त भी और सर्वशक्तिमान सर्वज्ञानी वह है और पवित्र अपार और सब अपराध का है दंडनेहार । अब जान तू हे पापी परमेश्वर है शुद्ध और पापों के कारण है पापी पर क्रुद्ध घरलोक में वह करेगा महाबिचार और पापी तब भुगतेगा पीड़ा अपार ॥ ३ पर आवे जो जन प्रभु ईसा के पास सा तरेगा निश्चय न होवेगा नाश मसीहा के पुण्य से तब क्षय होगा पाप और मिलेगी मुक्ति क्षय होगा सन्ताप ॥