पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/४३

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प्रभु यस खीष्ट । ३५ ३४ चौंतीसवां गीत । १ आह गलगता पर प्राओ और क्रस पर आंख उठाओ मसीह अत सेोगी है आह किस की आंख न भरे और कौन बिलाप न करे कि प्रभु दुःख का भोगी है। २ कह किस ने तुझे मारा ऐ ईसा कष्ट का भारा क्यों तुझ पर पड़ा है हम ठहरे हैं कुकर्मी प्रभुत है धर्मा को वड़ा ३ जो अपराध हैं मेरे जो रेत से बहुतेरे बालों से अधिक हैं उन्हों ने तुझे मारा और दिया कष्ट अपारा हां वेही तेरे बधिक हैं। 8 जो कांटे सिर में गड़े जो धप्ये मुंह पर पड़े जो कष्ट उठाना था तो भी कष्ट तुझ A10 ॥