पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/४९

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प्रभु यस खीष्ट। ४१ २ वह मृत के बस न पड़ा है सब शतरुन पर वह बड़ा है कबर से निकला ईसा वीर हुन्मा प्रकाश महारंधीर ॥ ३ जय जय हे ईसा बीर बलवान सब शतरुन पर तू है जैमान अब वैरी ठहरा बल राहत और ईसा ठहरा बल सहित ॥ किस प्रकार जीत गया मेरा तारनहार जब टल भी जावे सब संसार तव वह है मेरा प्राणाधार । ५ अानन्द से गावें हम यह गान कि प्रभु हुअा है जैमान वह सचमुच हुया मृत्युंजय जय प्रभु जय जय ईसा जय ॥ 8 उदास मैं होली ४० चालीसवां गीत । मसीह अस टेर सुनाई सब चित में लेहु समाई द्वादश सिख प्रभु संग लिवाये धूम मचाई नगरन