पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/६१

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प्रभु का दूसरी बार पाना । ५३ ४ प्रथम में जो था सन्तायो पहिने था कांटे का ताज होगा सा महाप्रतापी देसदेस का अधिराज॥ ५ प्रभु का हम दंडवत करते अपना सिर निवाते हैं। प्रभुका हम आसरा धरते जयजय ईसा गाते हैं। se - ५१ एकावनवां गीत । देख प्रभु आता है की पुकार हे मेरे भाई जागता रह और उठके हो तैयार ॥ S.M. १ सुन पहरू २ प्रभु पाता है देख कौन सेवक सावेगा संसार के लोग तो से रहे साके खावेगा ॥ देख प्रभु आता है अंधेरा बड़ा और आधीरात की निद्रा में सब जगत पड़ा