पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/७२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

६४ सुसमाचार । प्रभु का नेम और नीत प्रभु का प्रेम और प्रीत देखा सब धर्म की रीत अपरमपार॥ ३ अपने पर लेने दुःख औरों को देने सुख पाया वहनाप सहा है कष्ट महान दिया है अपना प्राण किया है जग का त्राण किया मिलाप पायो मसीह के पास करो उस पर विस्वास सब है तैयार लेनो तुम मुक्ति ज्ञान लेनो तुम मुक्ति दान केवल मसीह से प्राण पाता संसार ॥ lls. ६१ एकसठवां गीत। १ हे पापियो सुना सब ईसा को बात क्या हिन्दू क्या मुसलमान हर कोई ज़ात