पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/९१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

पवित्र आत्मा। ८३ मैं खनखरीदः हूँ खुदावन्द ईसा का पस अपनी जान यो जिसम को मैं उस का जानंगा। और त रे महुलकुदस राह रास्त पर चलने को मेरा मुअल्लिम रोशनगर और मेरा हादी हो ॥ ५ ८० अस्सीवां गीत। L. M. १ ऐ रूहुलकुद्स तू मिहर कर और नाज़िल हो मुझ आजिज़ पर अपने मुअस्सिर जोर से आ तारीकी दिल की तू मिटा ॥ २ बिजातिहि मैं हूं खराब नेक काम के लिये हूँ बेताब वलकि गुनाह के सबब से है मानिन्द दिल के मुरदे के ॥ ३ बखश मुझे रूह की ज़िन्दगी कि करूं तेरी बंदगी