भारतेंदु-नाटकावली/१०–पात्र-सूची
पात्र-सूची
अर्थात्
नाटकावली के इस भाग में संगृहीत ग्रंथों में आए हुए पात्रों की नामावली
अंधकार--(भा० दु०)
अर्जुन-पांडव--(ध० वि०)
अबदुश्शरीफ खां--सूर सिपहसालार--(नी० दे०)
अबदुस्समद--मुसाहिब--(नी० दे०)
आलस्य--(भा० दु०)
इंद्र-देवराज--(ध० वि०, स० ह०)
उंदुर--चर--(मु० रा०)
उत्तरा--विराट की कन्या--(ध० वि०)
कल्लू--बनिया--(अं० न०)
काम मंजरी-सखी--(चं०)
कामिनी--सखी--(चं०)
कालपाशिक--सेवक--(मु० रा०)
कृपाचार्य--पांडवों के गुरु--(ध० वि०)
कौंडिन्य--उपाध्याय का शिष्य--(स० ह०)
क्षपणक--जीवसिद्धि नामक गुप्तचर--(मु० रा०) गप्प पंडित--(प्रे० यो०)
गोपालशास्त्री--(प्रे० यो०)
गोबरधनदास--चेला--(अं० न०)
चंडिका--गायिका के छद्म वेष में नील देवी--(नी० दे०)
चंदनदास--जौहरी--(मु० रा०)
चंद्रकान्ता--सखी--(चं.)
चंद्रगुप्त--कुसुमपुर का राजा--(मु० रा०)
चंद्रावली--नायिका--(चं०)
चंपकलता--सखी--(चं०)
चंबूभट्ट--(प्रे० यो०)
चपरगट्टू खाँ--(नी० दे०)
चाणक्य--चंद्रगुप्त का मन्त्री--(मु० रा०)
चित्रवर्मा--कुलूत देश का राजा--(मु० रा०)
छक्कूजी--महाजन--(प्रे० यो०)
जाजलक--कंचुकी--(मु० रा०)
जिष्णुदास--महाजन--(मु० रा०)
जीर्णविष--मदारी, विराधगुप्त नामक गुप्तचर--(मु० रा०)
जीवसिद्धि--गुप्तचर--(मु० रा०)
झूरीसिंह--गुंडा--(प्रे० यो०)
टेकचंद--महाजन--(प्रे० यो०) डिसलायल्टी--(भा० दु०)
दंडपाशिक--चंद्रगुप्त का नौकर--(मु० रा०)
दीर्घचक्षु--रक्षाधिकारी--(मु० रा०)
दुर्योधन--कौरव--(ध० वि०)
देवीसिंह--सिपाही--(नी० दे०)
द्मुमत्सेन--सत्यवान का पिता--(स० प्र०)
धनदास--वैष्णव--(प्रे० यो०)
धर्म--चांडालवेषधारी--(स० ह०)
धर्मराज--युधिष्ठिर--(ध० वि०)
नारद--ऋषि--(स० ह०, चं०, स० प्र०)
नारायण--त्रैलोक्य के स्वामी--(स० ह०)
नारायणदास--चेला--(अं० न०)
निपुणक--भेदिया--(मु० रा०)
नीलदेवी--सूर्यदेव की रानी--(नी० दे०)
पर्वतक--मलयकेतु का पिता--(मु० रा०)
पार्वती--महादेव की पत्नी--(स० ह०)
प्रियंवदक--सेवक--(मु० रा०)
पीकदान अली--(नी० दे०)
पुरुषदत्त--सेवक--(मु० रा०)
पुष्करनयन, पुष्कराक्ष--काश्मीर का राजा--(मु० रा०) प्रवीरक--(मु०रा०)
बालमुकुंद--वैष्णव--(प्रे० यो०)
बुभुक्षित, दीक्षित--(प्रे० यो०)
भद्रमेट--सेवक--(मु० रा०)
भागुरायण--चाणक्य का भेदिया--(मु० रा०)
भामा--सखी--(चं०)
भारत दुर्दैव--(भा० दु०)
भारतभाग्य--(भा० दु०)
भासुरक--सेवक--(मु० रा०)
भैरव--महादेव के गण--(स०ह०)
मथुरादास--(प्रे० यो०)
मदिरा--(भा० दु०)
मधुकरी--सखी--(स०प्र०)
मलजी--वैष्णव--(प्रे० यो०)
मलयकेतु--पर्वतेश्वर का पुत्र--(मु० रा०)
महादेव--देवता--(स०ह०)
माखनदास--(प्रे० यो०)
माधव शास्त्री--(प्रे० यो०)
माधवी--सखी--(चं०)
माधुरी--सखी--(चं०) मेघाक्ष--पारस का राजा--(मु० रा०)
यमराज--देवता--(स०प्र०)
राक्षस--नंदवंश का मंत्री--(मु० रा०)
राजसेन--सेवक--(मु० रा०)
रामचंद्र--रईस--(प्रे० यो०)
रामभट्ट--(प्रे० यो०)
रोग--(भा० दु०)
रोहिताश्व--राजा हरिश्चंद्र का पुत्र--(स०ह०)
ललिता--सखी--(चं०)
लवंगी--सखी--(चं०)
वनदेवी--सखी--(चं०)
वनितादास--वैष्णव--(प्रे० यो०)
वर्षा--सखी--(चं०)
वल्लभा--सखी--(चं०)
वसंत--सूर्यदेव का पागल बना नौकर--(नी० दे०)
विजयपाल--किलेदार--(मु० रा०)
विजयवर्मा--सेवक--(मु० रा०)
विद्याधर--(ध० वि०)
विराट--मत्स्य देश का राजा--(ध० वि०)
विराधगुप्त--गुप्तचर--(मु० रा०) विलासिनी--सखी--(चं०)
विशाखा--सखी--(चं०)
विष्णुगुप्त--चाणक्य का एक नाम--(मु० रा०)
विष्णुशर्मा--राजपंडित--(नो० दे०)
विश्वामित्र--ऋषि--(स० ह०)
वैहीनर--सेवक--(मु० रा०)
शकटदास--राक्षस का मित्र--(मु० रा०)
शारंगरव--चाणक्य का शिष्य--(मु० रा०)
शिखरसेन--मलयकेतु का सेनापति--(मु० रा०)
शुकदेव--मुनि--(चं०)
शैव्या--अयोध्या की रानी--(स० ह०)
शोणोत्तरा--परिचारिका--(मु० रा०)
श्यामला--सखी--(चं०)
संध्या--सखी--(चं०)
सत्यवान--द्मत्सेन का पुत्र--(स० प्र०)
सत्यानाश--फौजदार--(भा० दु०)
सावित्री--राजा अश्वपति की कन्या--(स०प्र०)
सिंधुसेन--सिंध का राजा--(मु० रा०)
सिंहनाद--मलयदेश का राजा--(मु० रा०)
सिद्धार्थक--चाणक्य का गुप्तचर--(मु० रा०) सुधाकर--पंडित--(प्रे० यो०)
सुरबाला--सखी--(स०प्र०)
सूरजदेव--पंजाब का राजा--(नी० दे०)
सोमदेव--सूरजदेव का पुत्र--(नी० दे०)
स्तनकलश--वैतालिक--(मु० रा०)
हरजनवाँँ--धर्म के साथी 'सत्य' का दूसरा नाम--(स० ह०)
हरिश्चंद्र--अयोध्या का राजा--(स० ह०)
हिंगुराज--सेवक--(मु० रा०)