राजस्थान की रजत बूँदें
पर्यावरण कक्ष, गांधी शांति प्रतिष्ठान
नई दिल्ली
आलेख और चित्र : अनुपम मिश्र |
पधारो म्हारे देस |
५ |
कहते हैं...
मरुभूमि के समाज को
श्रीकृष्ण ने वरदान दिया
कि यहाँ कभी जल का अकाल
नहीं रहेगा ।
प्रसंग महाभारत युद्ध
समाप्त होने का है ।
लेकिन मरुभूमि का समाज
इस वरदान को पाकर हाथ पर हाथ
रखकर नहीं बैठ गया । उसने अपने को
पानी के मामले में तरह-तरह से
संगठित किया । गांव-गांव, शहर-शहर
वर्षा की बूंदों को सहेज कर रखने के
तरीके खोजे और जगह-जगह इनको
बनाने का एक बहुत ही व्यावहारिक,
व्यवस्थित और विशाल संगठन खड़ा
किया । इतना विशाल कि पूरा समाज
उसमें एक जी हो गया ।
इसका आकार इतना बड़ा कि वह सचमुच निराकार
हो गया ।
मरुभूमि के समाज ने भगवान के वरदान को
एक आदेश की तरह शिरोधार्य
कर लिया ।
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