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रामनाम/२३

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रामनाम
मोहनदास करमचंद गाँधी

अहमदाबाद - १४: नवजीवन प्रकाशन मन्दिर, पृष्ठ ३३

 
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कुदरती अिलाज

कुदरती अिलाज और अुपचारका अर्थ है, अैसे अुपचार या अिलाज जो मनुष्यके लिए योग्य हो। मनुष्य यानी मनुष्यमात्र। मनुष्यमे मनुष्यका शरीर तो है ही, लेकिन अुसमे मन और आत्मा भी है। अिसलिअे सच्चा कुदरती अिलाज तो रामनाम ही है। अिसलिअे रामबाण शब्द निकला है। रामनाम ही रामबाण अिलाज है। मनुष्यके लिअे कुदरतने अुसीको योग्य माना है। कोअी भी व्याधि हो, अगर मनुष्य हृदयसे रामनाम ले, तो अुसकी व्याधि नष्ट होनी चाहिअे। रामनाम यानी अीश्वर, खुदा, अल्लाह, गॉड। अीश्वरके अनेक नाम है, अुनमे से जो जिसे ठीक लगे, अुसे वह चुन ले, लेकिन अुसमे हार्दिक श्रद्धा हो, और श्रद्धाके साथ प्रयत्न हो। वह कैसे?

जिस चीजका मनुष्य पुतला बना है, अुसीसे वह अिलाज ढूढे। पुतला पृथ्वी, पानी, आकाश, तेज और वायुका बना है। अिन पाच तत्त्वोसे जो मिल सके सो ले। अुसके साथ रामनाम तो अनिवार्य रूपसे चलता ही रहे। नतीजा यह आता है कि अितना होते हुअे भी शरीरका नाश हो, तो होने दे और हर्षपूर्वक शरीर छोड दे। दुनियामे अैसा कोअी अिलाज नही निकला है, जिससे शरीर अमर बन सके। अमर तो आत्मा ही है। अुसे कोअी मार नहीं सकता। अुसके लिअे शुद्ध शरीर पैदा करनेका प्रयत्न तो सब करे। अुसी प्रयत्नमे कुदरती अिलाज अपने आप मर्यादित हो जाता है। और अिससे आदमी बड़े-बड़े अस्पतालो और योग्य डॉक्टरो वगैराकी व्यवस्था करनेसे बच जाता है। दुनियाके असख्य लोग दूसरा कुछ कर भी नही सकते। और जिसे असख्य नही कर सकते, अुसे थोड़े क्यो करे?

हरिजनसेवक, ३-३-१९४६