विकिस्रोत:आज का पाठ-१५ अक्टूबर २०२०

विकिस्रोत से

Download this featured text as an EPUB file. Download this featured text as a RTF file. Download this featured text as a PDF. Download this featured text as a MOBI file. Grab a download!

अकबर महान प्रेमचंद के पन्द्रह महापुरुषों के जीवन-चरितों का संग्रह है जिसका पहला संस्करण १९३९ ई॰ में बनारस के सरस्वती-प्रेस द्वारा प्रकाशित किया गया था।


सितारा सुबहे इशरत का शबे मातम निकलता है।

"उसी तरह तारीख ५ रजब सन् ५४४ हिंञी (१४ अक्तूबर १५४२ ई०) रविवार की रात्रि में उस मंगल नक्षत्र का उदय हुआ जो अन्त में दुनिया पर सुरज बनकर चमका।
अकबर जैसे दुर्दिन में जन्मा था वैसी ही असहाय अवस्था में उसका बचपन भी बीता। अभी पूरा एक बरस का भी न होने पाया था कि मिरजा असकरी के विश्वासघात के भय से माँ-बाप का साथ छूटा और निर्दय चचा के हाथ पड़ा। पर भगवान भला करें उसकी बीवी सुलतान बेगम और अकबर की दइयों माहम बेगम और जीजी अक्का की कि बच्चे को किसी प्रकार का कष्ट न होने पाया। जब अकबर दो साल से कुछ ऊपर हुआ तो हुमायूँ ने फिर काबुल को विजय किया और उसे पिता के दर्शन नसीब हुए। पर अभी पाँच बरस का न हुआ था कि फिर जालिम कामरान के हाथ पड़ गया और जब हुमायूँ काबुल के क़िले पर घेरा डालने में लगा हुआ था, एक मोरचे पर, जहाँ जोर-शोर से गोले बरस रहे थे, इस नन्ही-सी बात को बिठा दिया गया कि काल का ग्रास बन जाय।..."(पूरा पढ़ें)