विकिस्रोत:आज का पाठ/१७ अक्टूबर
सर सैयद अहमद खाँ प्रेमचंद रचित संक्षिप्त जीवनी संग्रह "कलम, तलवार और त्याग" में संग्रहित गैरीबाल्डी का जीवन परिचय है जो १९३९ ई. में बनारस के सरस्वती प्रेस द्वारा प्रकाशित किया गया था।
"‘क्या राजनीतिज्ञ रूप में, क्या साहित्य-सेवी रूप में, क्या मौलिक नेता तथा सुधारक रूप में और क्या जातिसेवक रूप में, सर सैयद अहमद को जो अमरकीर्ति प्राप्त है, वह भारत की इसलामी दुनिया में शायद ही किसी अन्य पुरुष को प्राप्त हो। हममें से हर एक का कर्तव्य है कि इस श्रद्धेय पुरुष के जीवन-वृत्तान्त का ध्यानपूर्वक अध्ययन करे और इसकी खोज करे कि उनमें वह कौन से गुण थे, जिनकी बदौलत वह इतनी मान-प्रतिष्ठा प्राप्त कर सके और जाति की इतनी सेवा कर सके। इनकी अंग्रेजी की योग्यता बहुत मामूली थी, वह घर के मालदार न थे, जाति में भी उनके समर्थकों की संख्या उनके विरोधियों से अधिक न थी। पर इन बाधाओं के होते हुए भी साहित्य-संसार और कर्म-क्षेत्र दोनों में वह अपना नाम अमर कर गये। यह केवल जाति-सेवा का उत्साह था, जिसने सारी कठिना- इयों पर विजय प्राप्त की थी।..."(पूरा पढ़ें)