विकिस्रोत:आज का पाठ/२० जनवरी

विकिस्रोत से

Download this featured text as an EPUB file. Download this featured text as a RTF file. Download this featured text as a PDF. Download this featured text as a MOBI file. Grab a download!

बुराइयों की जड़-दरिद्रता लाला लाजपत राय द्वारा रचित दुखी भारत का एक अंश है जिसका प्रकाशन सन् १९२८ ई॰ में प्रयाग के इंडियन प्रेस, लिमिटेड द्वारा किया गया था।


""किसी राष्ट्र की उन्नति की पहचान यह नहीं है कि वह विदेशों को बहुत माल भेजने लगा है, दस्तकारी और अन्य व्यवसाय बहुत बढ़ गये हैं––तथा उसने अनेक नगर बसा लिये हैं। कदापि नहीं। उन्नति-शील देश वह है जहाँ के निवासियों का बृहत् समूह मानव-जीवन––अल्प व्यय में सुख का जीवन व्यतीत करने के योग्य आवश्यक वस्तुओं को कम से कम परिश्रम से उत्पन्न कर सके। क्या इस कसौटी पर कसने से भारतवर्ष समुन्नत कहा जा सकता है?..."(पूरा पढ़ें)