सामग्री पर जाएँ

विकिस्रोत:आज का पाठ/२४ अगस्त

विकिस्रोत से

Download this featured text as an EPUB file. Download this featured text as a RTF file. Download this featured text as a PDF. Download this featured text as a MOBI file. Grab a download!

विस्यूवियस के विषम स्फोट महावीर प्रसाद द्विवेदी का आलेख है जो १९३५ ई. में झाँसी के सर्वोदय साहित्य मन्दिर द्वारा प्रकाशित प्रबन्ध-पुष्पाञ्जलि निबंध-संग्रह में संकलित है।


"२४ अगस्त ७९ ईसवी को विस्यूवियस का भीषण मुँह, महा भयङ्कर अट्टहास करके, खुल गया। क्षुब्ध हुये समुद्र में जिस प्रकार एक छोटी सी डोंगी हिलती है, एक निमेष में कई हाथ ऊपर उठ कर फिर नीचे आ जाती है––स्फोट होने के पहले, उसी प्रकार, पृथ्वी हिल उठी। सपाट जमीन पर भी जाती हुई गाड़ियाँ उलट गईं; मकान गिरने लगे और उनके भीतर से मनुष्य भागने लगे; समुद्र किनारों से कोसों दूर हट गया; अनन्त जलचर सूखी जमीन में पड़े रह गये। यह हो चुकने पर विस्यूवियस ने अपने पेट के पदार्थ वमन करना आरम्भ किया। प्रलय काल के मेघ के समान भाफ की घोर घटा हाहाकार करते हुए उस के मुँह से निकलने लगी। ठहर ठहर कर सैकड़ों वज्रपात के समान महाप्रचण्ड गड़गड़ाहट प्रारम्भ हुई।..."(पूरा पढ़ें)