विकिस्रोत:आज का पाठ/२६ जनवरी
सुधारों की कथा लाला लाजपत राय द्वारा रचित दुखी भारत का एक अंश है जिसका प्रकाशन सन् १९२८ ई॰ में प्रयाग के इंडियन प्रेस, लिमिटेड द्वारा किया गया था।
"मिस मेयो ने १९१९ में भारतीय शासन-पद्धति में किये गये सुधारों के सम्बन्ध में पूरा एक अध्याय लिखा है। उसकी सम्मति यह है कि इन सुधारों के उपस्थित करने में भूल की गई है और १९१९ के पूर्व भारतवर्ष की शासन-व्यवस्था सर्वथा अच्छी थी और उसमें किसी प्रकार के परिवर्तन की आवश्यकता नहीं थी।
यही उसका साधारण विषय प्रतीत होता है। परन्तु उस अध्याय को पढ़ने के पश्चात् यह बतलाना कठिन हो जाता है कि वह वास्तव में चाहती क्या है? यह अध्याय अनुपयुक्त और अबोधनीय वक्तव्यों से भरा है। उपयुक्त और बोधगम्य बात केवल इतनी ही है कि उसने भारतीय राष्ट्रवादियों के प्रति असीम घृणा प्रकट की है और उन्हें इतना काला, बेहूदा, झूठा, मूर्ख और धृष्ट चित्रित करने की चेष्टा की है जितना कि वह कर सकती है।..."(पूरा पढ़ें)