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  • ब्रजरत्नदास 153478भारतेंदु-नाटकावलीभारतेन्दु हरिश्चंद्र   ​ उपसंहार----( ) इस नाटक के विषय में विलसन साहिब लिखते हैं कि यह नाटक और नाटकों से अति विचित्र...
    ४८६ B (३,४६० शब्द) - ०५:५८, २५ जुलाई २०२२
  • है। २-वर्ण उस मूल-ध्वनि को कहते हैं जिसके खंड न हो सके; जैसे, अ, इ, क् , ख्, इत्यादि । "सवेरा हुआ" इस वाक्य में दो शब्द हैं, " सबेरा" और “हुआ"। "सवेरा"...
    ४०७ B (६,२२० शब्द) - ०८:१३, ७ मई २०२१
  • निकला ।” कहते हुए प्राणनाथ ने शीतोदक सिंचन से प्यारी के नेत्र युगलों का अभिषेक किया और साथ ही थोड़ा सा ठंढा ठंढा शरबत पिलाया। कोई पाँच मिनट में जब उस के...
    ५६३ B (१,८१९ शब्द) - १६:५६, २० दिसम्बर २०२१
  • अयोध्या में होनेवाली घटनाओं और परिस्थितियों का ही वर्णन प्रधान है। राम के अभिषेक की तैयारी मे लेकर चित्रकूट में राम-भरत-मिलन तक की कथा आठ सर्गो तक चलती है।...
    ६२७ B (३९,८११ शब्द) - ०२:१२, २१ मई २०२४
  • जिनका संबंध राजशास्त्र से है इस बात का चार बार संकेत है। इसी से राजा के अभिषेक को ऐंद्र महाभिषेक कहते थे। (ऐरेत्तय ८,१५)। ⁠पुराणों में भी राज्य ऐन्द्रपद...
    ४६५ B (११,४२५ शब्द) - ०९:२५, ४ जुलाई २०२३