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  • सेवासदन  (1919)  द्वारा प्रेमचंद 50363सेवासदन1919प्रेमचंद [ ७६ ]विट्ठलदास-यह तो मुश्किल है। सुमन-तो क्या आप मुझसे चक्की पिसाना चाहते है? मैं ऐसी सन्तोषी...
    २०० B (१,५०५ शब्द) - ०८:०९, २७ जुलाई २०२३
  • सेवासदन  (1919)  द्वारा प्रेमचंद 49599सेवासदन1919प्रेमचंद [ १४ ] ४ कृष्णचन्द्र अपने कस्बे में सर्वप्रिय थे। यह खबर फैलते ही सारी बस्ती में हलचल मच गई।...
    २२४ B (४७८ शब्द) - ०८:१३, २७ जुलाई २०२३
  • सेवासदन  (1919)  द्वारा प्रेमचंद 49813सेवासदन1919प्रेमचंद [ १६ ] ५ फागन में सुमन का विवाह हो गया। गगाजली दामाद को देखकर बहुत रोई। उसे ऐसा दुःख हुआ, मानो...
    २६९ B (१,३८४ शब्द) - ०३:५९, ७ अक्टूबर २०२०
  • सेवासदन  (1919)  द्वारा प्रेमचंद 50359सेवासदन1919प्रेमचंद [ ७० ] हो गई। जानवर लेकर उसे लौटा दोगे तो क्या बात रह जायगी? यदि डिगबी साहब फेर भी लें तो यह...
    २०० B (२,२२८ शब्द) - ०८:०९, २७ जुलाई २०२३
  • हनुमन्नाटक १: हृदयराम }----- १७२,१८७, १६.०, ३६६ । . भाषा हनुमन्नाटक, सूरसारावली १६० १६१ - हुनुमान नखशिख ३८६ । सेवासदन ५४१ हनुमान नाटक (राम) २६२, सौदर्यलहरी...
    ३९६ B (३,२९१ शब्द) - १७:३५, २७ जुलाई २०२३
  • अपने पारितोषिक-वितरणमें रखा है। सचित्र पुस्तकका मूल्य केवल ।) [ १९२ ]  ६-सेवासदन लेखक उपन्यास-सम्राट् श्रीयुक्त "प्रेमचन्द" हिन्दी-संसार का सबसे बड़ा गौरवशाली...
    २६७ B (५,९०४ शब्द) - ०४:०८, २० मार्च २०२१
  • दयानारायण निगम ने उन्हें 'प्रेमचन्द' नाम दिया। 1913-14 में उनका उपन्यास सेवासदन छपा। 1920 में प्रेमचन्द ने गाँधी जी के आह्वान पर सरकारी नौकरी से इस्तीफा...
    २२६ B (३,९३४ शब्द) - १७:४६, ११ अप्रैल २०२१