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संगीत-परिचय भाग १/३: लय, ताल और काल

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संगीत-परिचय भाग १
रामावतार 'वीर'

दिल्ली: रामलाल पुरी, पृष्ठ १३ से – १५ तक

 

पाठ तीसरा

लय, ताल और काल

प्रश्न--लय किसको कहते है।

उत्तर--एक जैसी चलने वाली चाल को लय कहते हैं।

जैसेः--घड़ी की टिक-टिक।

प्रश्न--संगीत में लय कितने प्रकार की मानी गई है?

उत्तर--संगीत में लय तीन प्रकार की मानी गई है।

प्रश्न--तीनों प्रकार की लयों के नाम बताओ।

उत्तर--तीनों प्रकार की लय इस प्रकार हैं:--

१-मध्यलय, २-विलम्बितलय, ३-द्रुतलय

प्रश्न--ताल किसे कहते हैं?

उत्तर--ताल संगीत का तराजू है जो तबले आदि पर बज कर गाने को नियम में रखता है।

प्रश्न--काल किसको कहते हैं।

उत्तर--काल ताल के खाली भाग को कहते हैं।

प्रश्न--ताल कैसे बनता है?

उत्तर--ताल मात्राओं के हिसाब से बनता है।

प्रश्न--मात्रा का समय कितना होता है?

उत्तर--मात्रा का समय एक सैकण्ड होता है।

प्रश्न-सम किसको कहते हैं?
उत्तर—ताल की पहली मात्रा को सम कहते हैं।
प्रश्न—ताली किसको कहते हैं?
उत्तर—दोनों हाथों को आपस में टकराने से जो आवाज़ पैदा होती है उसको ताली कहते हैं।
प्रश्न—खाली किसको कहते हैं?
उत्तर—दोनों हाथों को सीधा खोल देने का नाम खाली है।
प्रश्न—ताल का अभ्यास किस प्रकार करना चाहिये।
उत्तर—ताल का अभ्यास मात्राओं को गिनकर और ताली देकर करना चाहिये। जैसे:—

ताली ताली खाली ताली
१--२--३--४, ५--६--७--८, ९--१०--११--१२, १३--१४--१५--१६
ताल साधन का ढंग
१=
ताली ताली ताली ताली
२=
ताली —— ताली ——
३= २ ३ ४ २ ३ ४
ताली ताली
४=
ताली खाली ताली खाली ताली खाली ताली खाली
५=
ताली खाली ताली खाली
६=
ताली खाली
१० ११ १२ १३ १४ १५ १६
ताली खाली
७=
ताली ताली
१० ११ १२ १३ १४ १५ १६
खाली ताली

नोट--मात्राओं की गिनती करते समय एक-एक उंगली को उठा लेना चाहिये। जैसे—

एक पर ताली और दो-तीन-चार की मात्रा को पहली, दूसरी और तीसरी उंगली क्रमशः उठाकर गिनना चाहिये।