स्त्रियों की पराधीनता
इंग्लैंड के प्रसिद्ध तत्त्ववेत्ता
का हिन्दी अनुवाद।
अनुवादक:—
प्रकाशक
हरिदास एण्ड कम्पनी
कलकत्ता,
२०१ हरिसन रोड के "नरसिंह प्रेस" में
बाबु रामप्रताप भार्गव द्वारा मुद्रित।
Abraham Lincoln.
If you begin by educating women you must end by emancipating them.
Ruskin.
"गुणाः पूजास्थानं गुणिषु न च लिङ्गं न च वयः"
"तातस्य कूपोयमिति ब्रुवाणा क्षारं जलं कापुरुषा पिवन्ति।"
"प्रारभ्यते न खलु विघ्नभयेन नीचैः,
प्रारभ्य विघ्नविहिता विरमन्ति मध्याः।
विघ्नैः पुनः पुनरपि प्रतिहन्यमाना.,
प्रारभ्यमुत्तमजना न परित्यजन्ति॥" (भर्तृहरि)
"यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।" (मनु)
यह कार्य भारत में सार्वजनिक डोमेन है क्योंकि यह भारत में निर्मित हुआ है और इसकी कॉपीराइट की अवधि समाप्त हो चुकी है। भारत के कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के अनुसार लेखक की मृत्यु के पश्चात् के वर्ष (अर्थात् वर्ष 2024 के अनुसार, 1 जनवरी 1964 से पूर्व के) से गणना करके साठ वर्ष पूर्ण होने पर सभी दस्तावेज सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आ जाते हैं।
यह कार्य संयुक्त राज्य अमेरिका में भी सार्वजनिक डोमेन में है क्योंकि यह भारत में 1996 में सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आया था और संयुक्त राज्य अमेरिका में इसका कोई कॉपीराइट पंजीकरण नहीं है (यह भारत के वर्ष 1928 में बर्न समझौते में शामिल होने और 17 यूएससी 104ए की महत्त्वपूर्ण तिथि जनवरी 1, 1996 का संयुक्त प्रभाव है।