हिंदी निबंधमाला-१/मुखपृष्ठ

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मनोरंजन पुस्तकमाला-३८

संपादक

श्यामसुंदरदास, बी० ए०

हिंदी निबंधमाला

पहला भाग

संग्रहकर्ता

श्यामसुंदरदास, बी० ए०

काशी नागरी-प्रचारिणीसभा

काशी नागरी-प्रचारिणी सभा की अनुमति से

प्रकाशक

इंडियन प्रेस, लिमिटेड, प्रयाग

संशोधित संस्करण]
[ मूल्य १७
सं० १९८७
[  ]Published by

K. Mittra,
at The Indian Press, Ltd.,
Allahabad.







Printed by

A. Bose,

at The Indian Press, Ltd.,

Benares-Branch

[  ]हिंदी में उत्तम कोटि के निबंधों का कोई ऐसा संग्रह अब

तक प्रकाशित नहीं हुआ जो भावों तथा भाषा के विचार से उच्च कोटि का हो और जो ऊँची कक्षाओं के विद्यार्थियों के हाथ में इस उद्देश्य से दिया जा सके कि वे उसे आदर्श मानकर अपनी लेखन-शैली तथा विषय-प्रतिपादन रीति को सुधार इस अभाव की पूर्ति के उद्देश्य से यह संग्रह प्रस्तुत किया गया है। पहले भाग में अपेक्षाकृत सरल लेखों का संग्रह है तथा दूसरे भाग में उससे कठिन लेखों का संग्रह है। भाषा की कठिनता या सरलता केवल शब्दों की तत्समता या तद्भवता पर निर्भर नहीं है। विचारों की गूढ़ता, विषय-प्रतिपादन की गंभीरता, मुहाविरों की प्रचुरता, आनुषंगिक प्रयोगों की योजना और पदों की जटिलता तथा इन गुणों की न्यूनता ही भाषा को कठिन या सरल बनाती है। यही उद्देश्य सामने रख- कर यह संग्रह उपस्थित किया गया है

श्यामसुंदरदास

[  ]विषय-सूची
विषय
पृष्ठ
 


(१) आपत्तियों का पर्वत-श्रीयुत केशवप्रसाद सिंह
(२) मित्र-लाभ-श्रीयुत गणपत जानकीराम दूबे
(३) राजा भोज का सपना-राजा शिवप्रसाद
(४) क्रोध-श्रीयुत रामचंद्र शुक्ल
(५) रामलीला-श्रीयुत माधवप्रसाद मिश्र
(६) बुंदेलखंड-पर्यटन–श्रीयुत कृष्णबलदेव वर्मा
(७) बातचीत-श्रीयुत बालकृष्ण भट्ट
(८) प्रकृति-सौंदर्य-श्रीयुत गणपत जानकी- राम दूबे
६) समाज और साहित्य-श्रीयुत श्याम- सुंदरदास
(१०) करुणा-श्रीयुत रामचंद्र शुक्ल
(११) कवि और कविता-श्रीयुत महावीरप्रसाद द्विवेदी
(१२) सच्ची वीरता-सर्दार पूर्णसिह


... १-१२
... १३-२२
... २३-४३
... ४४-५१
... ५२-६३
... ६४-८०
... ८१-८९
... ९०-१०३
... १०४-११४
... ११५-१३१
... १३२-१४७
... १४८-१६७

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