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  • है। भूमक। [N० स० ४१ (ई. स. ११९ वि. स. १७३) के पूर्व ] शक संवत् ४१ (ईसी सन् ११९-विक्रमी संवत् १७ के पूर्व क्षहरत-वंशका सबसे पहला नाम भूमक ही मिला है। परन्तु...
    ४८४ B (८,३२४ शब्द) - ००:०१, २६ अक्टूबर २०२०
  • दूरश-विचार (बलभद्र मिश्र ) २०६ प्रयास दृद्रिद ७२१ - द्रोणपर्व २५८ । टांत तरनिणी ३६४ द्वादशदल कमल ३६७ हष्टिकूट द्वादशयश १७८ देव और बिहारी ५३१ द्वापर ६१५ देवकीनदन...
    ३९६ B (३,२९१ शब्द) - १७:३५, २७ जुलाई २०२३
  • का होना संभव है, क्योंकि मलयकेतु की सेना करभक की कथित दूरी को ( अंक ४ पृ० ३६४ ) तैकर कुसुमपुर के पास पहुँच गई थी। ( अंक ५ पृ० ३८२ )। अंतिम दो अंको की घटना...
    ५४० B (४,८९१ शब्द) - १५:३४, १७ जुलाई २०२२
  • लगाया जाता है। किसान लोग केवल जम़ीन का लगान देते हैं, इनकम टैक्स नहीं। [ ३६४ ]मिस मेयो ने जिन प्रमाणों के आधार पर भारतवर्ष की आर्थिक स्थिति का वर्णन किया...
    ४८५ B (६,३९७ शब्द) - ०५:२४, २३ नवम्बर २०२०
  • वि सं. ५७ ) में होना मान कर इस मंघन के गत वर्ष स्थिर किये परंतु अब बहुत से विद्वानों का मानना यह है कि ईसा का जन्म ई स पूर्व ८ से ४ के बीच हुआ था न कि ई...
    १३० B (१,३७,२३१ शब्द) - १९:४७, १२ फ़रवरी २०२१
  • होती। नहीं तो जाकर सब रुपये दे आया। उसकी सफाई तो इतने ही से हो जाती है।" [ ३६४ ] बजरंगी को तोड़कर जगवर ने ठाकुरदीन को घेरा। पूजा करके भोजन करने जा रहा था।...
    २१२ B (९,७९० शब्द) - १९:२६, ३१ जुलाई २०२३