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  • केंद्र आप ही बने हुए हैं। इनका परस्पर न मिलना ही जीवन की असली विडंबना [ ६९२ ]हैं। ज्ञान अलग पड़ा हैं, कर्म अलग। अतः इच्छा पूरी कैसे हो सकती है? यह कहकर...
    ५८२ B (५,१९३ शब्द) - १७:३७, २७ जुलाई २०२३
  • वि सं. ५७ ) में होना मान कर इस मंघन के गत वर्ष स्थिर किये परंतु अब बहुत से विद्वानों का मानना यह है कि ईसा का जन्म ई स पूर्व ८ से ४ के बीच हुआ था न कि ई...
    १३० B (१,३७,२३१ शब्द) - १९:४७, १२ फ़रवरी २०२१