अंतर्राष्ट्रीय ज्ञानकोश/अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक संघ

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[ १९ ] अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक संघ--इस संस्था की स्थापना सन् १९२० मे राष्ट्रसंघ के साथ ही उसके विधान की धारा २३ (अ) तथा वसोई की सधि की धारा ३८७-४८७ के अन्तर्गत हुई थी। इसमे राष्ट्रसंघ के सभी सदस्य-राष्ट्र शामिल है, और ऐसे भी राष्ट्र शामिल है जो राष्ट्र-सघ के सदस्य नही है, जैसे सयुक्त-राज्य अमरीका। इसके अन्तर्गत चार उपसस्थाऍ है: (१) अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक सघ-सम्मेलन, (२) कार्य-कारिणी सभा(Governing Body), (३) सहायक सस्थाऍ, और (४) अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक कार्यालय।

अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक सम्मेलन का अधिवेशन एक वर्ष मे एक बार होता है। इसमे मज़दूरों के संबंध की समस्याओ पर विचार किया जाता है और मज़दूरों के संबंध में उनकी स्थिती मे सुधार के लिए निश्चय किये जाते है तथा राष्ट्र की सरकारो से सिफारिश की जाती है। इस बात की भी जाँच की जाती है कि सम्मेलन के निश्चयो और निर्णयों का सरकारे कहाँ तक पालन करती है। प्रत्येक राज्य इस सम्मेलन मे चार प्रतिनिधि भेजता है--दो सरकार के प्रतिनिधि, एक मिल-मालिको का प्रतिनिधि और एक मज़दूरों की ओर से प्रतिनिधि भेजा जाता है। किसी सिफ़ारिश की स्वीकृति या कन्वेन्शन की स्वीकृति के लिए दो-तिहाई का मत आवश्यक है, तथा साधारण प्रस्ताव के लिए बहुमत का नियम है। इस सम्मेलन के प्रतिनिधियों को, सम्मेलन द्वारा
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स्वीकृत सिफारिशे, अपने राज्य की धारा-सभा में पेश करनी चाहिए और १८ महीने की अवधि के भीतर ही ऐसा होजाना चाहिए। कार्य-कारिणी सभा अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक कार्यालय की व्यवस्था करती है तथा उसके डाइरेक्टर की नियुक्ति करती है। सहायक संस्थाओं में अनेक समितियाॅ है जो विविध प्रश्नो की जॉच करती हैं। अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक कार्यालय मजदूरों के संबंध में समस्त देशो से सूचनाएँ संग्रह करता है और उनका वितरण करता है। वह जॉच का भी काम करता है। कार्यालय में ४०० कर्मचारी हैं जो ३७ राष्ट्रो के नागरिक हैं। इस समय अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक संघ के ६० राज्य सदस्य हैं। सयुक्त राज्य अमरीका भी इसका सदस्य है। जर्मनी, इटली और जापान ने उससे सवव-त्याग कर दिया है। सघ ने अब तक ६३ निर्णय किये हैं, जिनका सवध मजदूरो की स्थिति, स्वास्थ्य, बीमा, पेशन, काम के घण्टो तथा पारिश्रमिक आदि से है।