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इतिहास तिमिरनाशक 2/लार्ड बेंटिंक

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इतिहास तिमिरनाशक भाग 2
राजा शिवप्रसाद 'सितारे हिंद'

लखनऊ: नवलकिशोर प्रेस, पृष्ठ ५२ से – ५३ तक

 

लार्ड बेंटिंक

१८२८ ई० लार्ड एहस्ट के जाने पर वही लार्ड बैंटिंक जोसाबिक में मंदराज का गवर्नर था । वसीले के ज़ोर से गवर्नर जेनरल मुकर्ररहो आया। इसके वक्त में लड़ाई भिड़ाई कोई नहीं हुई। बड़ी भारी बात यह हुई कि सती होने का बड़ी बुरी रस्म यक कलम मौकर्फ की गयो। शुड़ग का राजा[]अपने ज़ुल्म के बाइग दखनसे बनारस क़ैद हो आया। और उस का इलाका श्रम का रअय्यत की ख़ाहिश मुताबिक़ सर्कारी अ़मल्दारों में शामिल हो गया।

लार्ड बेंटिंक ने सारी खर्च की बहुततखफीफ़ की। और हिन्दुस्तानियों को सर्कारी बड़े उहदोंके मिलनेकीनीवडाली।

सन् १८३३ में कम्पनी को २० बरसकेलियेफिर सनदमिली। १८३३ ई० हिन्दुस्तान की तिजारत तो पहलेही इस के हाथसे निकल गयी थी अब इस सनद को रूसी चीन की भी बाक़ी न रही।

  1. इसने पीछे विलायत जाकर अपनी लड़की को अंगरेज़ी पढ़ाया और उस लड़की ने वहां एक अंगरेज़ से शादी की।