(२६४) का प्रचार हुआ था और बरमावालों ने उसे ग्रहण भी कर लिया या और वहाँ गुप्त शैली की बनी हुई मिट्टी की बहुत-सी मूर्तियाँ भी पाई गई हैं। इंडोनेशिया की परवर्ती शताब्दियों की कला के इतिहास का गुप्त कला के साथ इतना ओत-प्रोत और घनिष्ठ संबंध है कि उससे यह बात पूर्ण रूप से प्रमाणित हो जाती है कि वहाँ गुप्तों का प्रभाव समुद्रगुप्त के समय से ही पड़ने लगा था। समुद्रगुप्त ने यदि राजनीतिक क्षेत्र में नहीं तो कम से कम सांस्कृतिक क्षेत्र में तो अवश्य अपनी दोनों भुजाओं के साथ एक में मिला रखा था। ६१५१ क. समुद्रगुप्त ने सभी दृष्टियों से साम्राज्यवाद के १. कुमारस्वामी, पृ० १६९ । विंसेंट स्मिथ ने अपनी Early History of India (चौथा संस्करण ) पृ० २६७, पाद-टिप्पणी में कहा है कि बरमा में गुप्त-संवत् का भी प्रचार हुश्रा था। बरमा के पुरातत्व-विभाग के मुपरिटेंडेंट मि० उम्या से मुझे मालूम हुश्रा है कि बरमा में गुप्त-संवत् का कोई उल्लेख नहीं मिलता। परंतु देखो फुहरर का जून १८६४ का A. P. R. प्यू ( Pyu) के शिलालेखों से पता चलता है कि बरमी उच्चारणों के लिये गुप्त -लिपि को स्वीकार किया गया था और इस संबंध के अक्षरों के रूपों के लिये देखो एपि- ग्राफिया इंडिका, खंड १२, पृ० १२७ । २. बाहुवीर्यप्रसरधरणीबंधस्य । इलाहाबादवाले शिलालेख की prat ifeti, Gupta Inscriptons, go ci
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