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पृष्ठ:अंधकारयुगीन भारत.djvu/४६

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( २२ ) १ (१) शेष नागराज (सिक्कों पर नाम ) शेषदात । (२) रामचंद्र रामदात। (३) शिशुनंदी शिशुचंददात। (४) शिवनंदी (यह नाम शिलालेख से लिया गया है। पुराणों में जिन राजाओं शिवदात के नाम नहीं आए हैं, यह उन्हीं में से एक है।) (५) भवनंदी (अनुल्लिखित रा- जाओं में से एक) भवदात। ६ २१. हम यह नहीं कह सकते कि शिशुनाग आदि आरं- भिक नाग राजा मथुरा में शासन करते थे या नहीं; क्योंकि मथुरा एक ऐसा स्थान था, जहाँ पद्मावती, विदिशा, अहिच्छत्र आदि आस-पास के अनेक स्थानों से सिक्के आया करते थे। हाँ, पुराणों में हमें यह उल्लेख अवश्य मिलता है कि वे विदिशा में राज्य करते थे और उनमें से पहले राजा शेष ने अपने शत्रु की राजधानी जीती थी। इस विजित राजनगर का नाम ब्रह्मानंद ने सुरपुर दिया है, इसलिये हम यह मान सकते हैं कि शेप ने इंद्रपुर नामक नगर जीता था जो आजकल बुलंदशहर जिले में है । उन दिनों यह एक बहुत महत्त्वपूर्ण नगर था और इसी स्थल पर १ प्रो० रैप्सन ने J. R. A. S., १६००, पृ० १११ में इसे "शिवदत्त" लिखा है। २ A. S. R. खंड १२, पृ. ३६ की पाद-टिप्पणी ।