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अंध-लिपि


है। अंधों की इस स्वाभाविक शक्ति को उत्तेजना देने के लिये इंगलैंड में संगीत की भी पुस्तकें अंध-पुस्तकालय में रक्खी जाती हैं। इस कला में तो कोई-कोई अंधे आँखवाले आदमियों को भी मात करते हैं। विलायत में कुमारी लूकस नाम की एक जन्मांध स्त्री है। वह संगीत में बहुत ही प्रवीण है। कुछ दिन हुए, एक पाठशाला में संगीताध्यापक की जगह खाली हुई। उसके लिये अनेक पुरुष उम्मेदवारों ने अर्ज़ियाँ दी। कौन उस जगह के लिये अधिक योग्य है, इसकी जाँच के लिये सबकी परीक्षा हुई। परीक्षा का फल यह हुआ कि कुमारी लूकस का नंबर सबसे ऊँचा आया। अतः वह जगह उसी को मिली।

अंधों का स्पर्श-ज्ञान जैसे बहुत बढ़ा-चढ़ा होता है और उनके अंधेपन की थोड़ी-बहुत कसर उससे निकल जाती है, वैसे ही उनकी स्मरण-शक्ति भी विलक्षण होती है। विवेचना-शक्ति भी उनकी बहुत सूक्ष्म होती है। अँगरेज़ी में डिकिंस के उपन्यास प्रसिद्ध हैं। एक दफ़े एक अंधा इनमें से एक उपन्यास नक़ल कर रहा था। उसमें एक जगह लिखा था कि उपन्यास का नायक एक शहर में जून के महीने में शाम को अपनी मा से बातचीत कर रहा था। परंतु दो-तीन अध्यायों के बाद उसी के विषय में फिर उसे यह लिखा हुआ मिला कि एक हफ़्ते वहाँ रहकर जून की दूसरी तारीख को वह अन्यत्र चला गया। इसे पढ़कर अंधा फ़ौरन बोल उठा कि यह तारीख ग़लत है। जून का एक हफ़्ता एक जगह व्यतीत करके उसी महीने की दूसरी