पृष्ठ:अद्भुत आलाप.djvu/१६६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१६६
अद्भुत आलाप
२१---प्राचीन मेक्सिको में नरमेघ-यज्ञ

प्रेस्काट नाम के साहब ने अमेरिका के मेक्सिको देश के विजय किए जाने पर एक अच्छी पुस्तक अँगरेज़ी में लिख है। उसी के आधार पर हम प्राचीन मेक्सिको के उन उत्सवों का हाल लिखते हैं, जिनमें वहाँवाले नरमेघ-यज्ञ करते थे।

मेक्सिकोवालों के युद्ध-देवताओं में एक देवता 'टेज़-कैटली-कोपा' नाम का था। 'टेज़-कैटली-कोपा' का अर्थ है---'संसार की आत्मा'। वह संसार का रचयिता माना जाता था। उसकी पूजा में मनुष्य का बलिदान होता था। प्राचीन काल में, मेक्सिको में, मनुष्य के बलिदान की प्रथा थी तो; परंतु बहुत कम थी। चौदहवीं शताब्दी में उसने बहुत ज़ोर पकड़ा; और अंत में, सोलहवीं शताब्दी में, जब स्पेनवालों ने मेक्सिको पर अपना अधिकार जमाया, तब इस प्रथा का इतना प्राबल्य हो गया कि कोई पूजा इसके विना होती हो न थी।

युद्ध में पकड़े गए कैदियों में से एक सुंदर युवक चुन लिया जाता था। वह टैज़-कैटली-कोपा का अवतार माना जाता था। उसका आदर और सत्कार भी वैसा ही होता था, जैसा टैज़-कैटली-कोपा की मूर्ति का। कई पुजारी उसके पास सदा रहते थे। वह बहुमूल्य और सुंदर-सुवासित वस्त्र धारण करता। फूलों की मालाएँ उसके गले में पड़ी रहतीं । जब वह घूमने निकलता, तब राजा के सिपाही उसके आगे-आगे चलते। चलते-चलते जब वह कहीं गाने लगता, तब उसके गाने की