जाते थे। अब गवर्नमेंट के सुप्रबंध की बदौलन पाँच मिनट
में वहाँ खबर पहुँचती है। पुराने जमाने का मुक़ाबला आजकल से करने पर जमीन-आसमान का अंतर देख पड़ता है। परंतु रेल और तार का प्रचार हुए बहुत दिन हो गए। इससे इन बातों को दखकर अब विशेष आश्चर्य नहीं होता। हाँ, एक बात सुनकर हमारे पाठकों को शायद आश्चर्य हो। वह बात पृथ्वी से परलोक तक तार लग जाना है। यह अवश्य तार है, पर खबरें इससे आने लगी हैं। यदि इसी तरह उन्नति होती गई---और इस उन्नति के जमाने में ऐसा होना ही चाहिए---तो शायद किसी दिन परलोक तक रेल भी खुल जाय, और डाकखाने खुलकर वहाँ और यहाँ के डाकखानों का मेल हो जाय। नई अध्यात्मविद्या चाहे जो करे।
इँगलैंड से एक मासिक पुस्तक निकलती है। उसका नाम है ब्रॉड व्यूज़ ( Broad views )। उसमें एक लेख अध्यात्मविद्या पर निकला है। उसका सारांश हम नीचे देते हैं। लेख का अधिकांश परलोकवासी लॉर्ड कारलिंग फ़र्ड के भेजे हुए पत्र हैं। 'ब्रॉड व्यूज़' के संपादक ने पढ़नेवालों को विश्वास दिलाया है कि ये पत्र जाली नहीं, सच्चे हैं।
आयलैंड में लॉर्ड कारलिंग फ़र्ड एक प्रसिद्ध राजकीय पुरुष हो गए। १८९८ ईस्वी में उनकी मृत्यु हुई । वह पार्लियामेंट के मेंबर और ट्रेजरी ( ख़ज़ाने ) के लॉर्ड रह चुके थे। मरने के बाद उन्होंने अपने कुटुंब की एक स्त्री द्वारा परलोक से