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एक ही शरीर में अनेक आत्माएँ


के द्वारा कर रहे हैं। बहुत से लोग इसको एक मनमौजी और बेतुकी बात समझते हैं। मेरी भी यही राय है। जो उदाहरण इन लोगों ने दिए हैं, उन्हें सर्व-साधारण को हृदयगम कराने के लिये यह लेख लिखा जा रहा है।

पादरी हाना का उदाहरण

जितने उदाहरण दिए गए हैं, उनमें सबसे अधिक उपयोगी हाना साहब का एक उदाहरण है; क्योंकि उसमें कही गई बातें मानस-शास्त्र-वेत्ताओं ने अपनी आँखों देखी हैं, और यह उदाहरण हाल ही में हुआ है। उसमें समय भी अधिक नहीं लगा। हाना साहब का पहला इतिहास लोग भली भाँति जानते थे, और वह अब तक जीवित भी हैं। फिर वह एक पढ़े लिखे आदमी हैं।

१५ एप्रिल, सन् १८९७ ईस्वी की शाम को गाड़ी पर घर लौटते समय टामस कारसन हाना-नामक पादरी गाड़ी से गिर पड़े। उनके सिर में बहुत चोट आई। वह पढ़े-लिखे, धर्मात्मा और कार्य-तत्पर पादरी हैं। उनके नाना डॉक्टर थे, और पिता इँगलैंड छोड़कर अमेरिका में बसनेवालों में से थे। गाड़ी से गिरने तक जो कुछ उनके विषय में मालूम है, उससे यही ज़ाहिर होता है कि वह किसी तरह के रोगी या सनकी न थे।

गिरने का परिणाम

गिरने के बाद हाना साहब बेहोशी की दशा में उठाए गए। साँस बहुत धीमी चलती थी, और जीवन प्रायः समाप्त हो