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पृष्ठ:अन्तस्तल.djvu/१४१

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होठों की निर्दोष मुसकुराहट की स्वप्नवासना की तरह मधुर थे। प्यार की प्रथम चोट की तरह गम्भीर और तूफान की तरह जंगली थे।