पृष्ठ:अन्तस्तल.djvu/१४८

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आत्मदान

तुमने जब आत्मसमर्पण किया था---तब क्या आत्मा का प्रदान नहीं किया था? अब अन्त मे तुम कहाँ विश्राम करोगी?

तुमने अपना स्वर्ण शरीर मुझे कुछ ही क्षण को दिया, और मैंने पुष्प की भॉति उसे ग्रहण किया, फिर तुमने मुझे त्यागना चाहा---मैंने तुम्हारे चरण चुम्बन किये और तुम्हें बिना बाधा के ही चला जाने दिया! प्रिये, आत्मदान किसने दिया? तुमने या मैंने?