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पृष्ठ:अन्तस्तल.djvu/१५०

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पछवा हवा की तरह

पछवा हवा की तरह एक बार क्षण भर को आओ, जिससे हृदय के सब घाव सूख जायॅ। मैं जीवन के अन्त तक उस क्षण की प्रतीक्षा करूॅगा।