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पृष्ठ:अन्तस्तल.djvu/१८९

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चिताभस्म

इस शरीर के चिता पर भस्म होने के दिन निकट चले आ रहे है। किन्तु, भस्म होने के बाद भी क्या मृत्यु की भावनाएँ और स्मृतियाँ ऐसी ही प्यारी मालूम होंगी?

जब चिता की अग्नि ठण्डी पड़ जायगी और वायु के झोंके उस भम्म को उड़ा ले चलेगे, और श्रृगाल हाऊ हाऊ करके इसके चारो ओर नृत्य करेगे, तब क्या तुम इस दृश्य पर दृष्टिनिक्षेप करोगी? क्या तुम्हारी तनिक भी सहानुभूति मुझे प्राप्त होगी?