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पृष्ठ:अन्तस्तल.djvu/२१४

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"वह तुम्ही थे।"

"हाॅ"

"तुम्ही आखमिचौनी खेलते थे?"

"हा"

"तुम्ही मुझे गुदगुदाते थे?"

"हा"

"छूते थे?"

"हां"

"अब तक दीखते क्यों नहीं थे।"

मैं तुम मे रमा हुआ था, पहिले आत्मा मे, फिर अग मे। तब मै असम्पूर्ण था, अब सम्पूर्ण होते ही मेरा अलग अस्तित्व हो गया।"

"परन्तु मै तो अब असम्पूर्ण हो गई?"

उसने हॅस कर कहा --

'नही' अब हम तुम मिलकर पूर्ण होगे। आओ मेरे साथ। और हम मिल गए।

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