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पृष्ठ:अन्तस्तल.djvu/२३

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प्यार

उसने कहा―नहीं

मैंने कहा―वाह!

उसने कहा―वाह

मैंने कहा―हूँ-ऊँ

उसने कहा―उहुँक

मैंने हँस दिया,

उसने भी हँस दिया।

अँधेरा था, पर चलिच्चित्रों की भाँति सब दीख पड़ता था। मैं उसीको देख रहा था। जो दीखता था उसे बताना