पृष्ठ:अप्सरा.djvu/४१

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अप्सरा

अप्सरा देखकर हँस रही थी। कभी-कभी साहब का उत्साह बढ़ाती-बहुत अच्छा हो रहा है। साहब की नजर पित्रानो पर पड़ी। कहा-"डेक्सो, आबी हम पिआनो बजाटा, फिर टुम कहेगा, दो हम नाचेगा।" ___ "अच्छा बजाओ।" ___ साहब पित्रानो बजाने लगे। कनक ने तब तक अँगरेजी गीतों का अभ्यास नहीं किया था। उसे, कविता के यतिमंग की तरह, सब स्वरों का सम्मिलित विद्रोह असह्य हो गया। उसने कहा-"साहब, हमे तुम्हारा नाचना गाने से ज्यादा पसंद है।" साहब अब तक औचित्य की रेखा पार कर चुके थे। आँखें लाल हो रही थीं । प्रेमिका को नाच पसंद है, सुनकर बहुत ही खुश हुए, और शीघ्र ही उसे प्रसन्न कर वर प्राप्त कर लेने की लालसा से नाचने लगे। नौकर ने बाहर से संकेत किया। कनक उठ गई। नौकर को इशारे से आदेश दे लौट आई। धड़-घड़-घड़, कई आदमी जीने पर चढ़ रहे थे। आगंतुक बिलकुल कमरे के सामने आ गए। हैमिल्टन को नाचते हुए देख लिया। हैमिल्टन ने भी देखा, पर उस दूसरे की परवा न की, नाचते ही रहे। “ो ! टुम दूसरे हो, रॉबिसन।" हैमिल्टन ने पुकारकर कहा । "नहीं, मैं चौथा हूँ" रॉबिंसन ने बढ़ते हुए जवाब दिया। तितलियों-सी मूळे, लंबे तगड़े रॉबिंसन साहब मैजिस्ट्रेटे थे। कैथरिन के पीछे कमरे के भीतर चले गए। कई और आदमी साथ थे। कुर्सियाँ खाली थीं, बैठ गए। कैथरिन ने कनक से रॉबिंसन साहब से हाथ मिलाने के लिये कहा। कहा- यह मैजिस्ट्रेट हैं, तुम अपना कुल किस्सा इनसे बयान कर दो। हैमिल्टन को धोती पहने नाचता हुआ देख रॉबिंसन बारूद हो गए थे। कनक ने हैमिल्टन की जेब से निकाली हुई चिट्ठी साहब को दे दी। पहले ही आग में पेट्रोल पड़ गया। कनक कहने लगी-एक दिन मैं इडेन गार्डन में गलाब के किनारेवाली बेंच पर अकेली बैठी