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पृष्ठ:अयोध्या का इतिहास.pdf/२३

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अयोध्या का इतिहास


मुसलमान नवाब वज़ीरों के राज में अयोध्या ही का एक अंश फैज़ाबाद के नाम से तीन नवाब वज़ीरों की राजधानी रहा। शुजाउद्दौला के शासन में इसकी शोभा देख कर यूरोपीय यात्री चकित होते थे।[]

आजकल इसमें राष्ट्र-सम्बन्धी कोई बड़ाई नहीं रही। अब यह मन्दिरों का नगर है; परन्तु अब भी यह रामानन्दी सम्प्रदाय का केन्द्र है जिसकी शिक्षा गोस्वामी तुलसीदास के रामायण में झलक रही है। यह ग्रन्थ अयोध्या ही में सं॰ १६३१ में प्रकाशित किया गया था। रामानन्दी सम्प्रदाय ने सारे उत्तर भारत को बहुत थोड़ा अदल-बदल कर धर्म-नीति और समाज-नीति दोनों सिखाई हैं।

 

 

  1. Oudh Gazetteer, Vol. I. page 406.