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अहङ्कार

की अद्भुत कारीगरी का नमूना है, और इसका मूल्य शतगुण स्वर्ण से कम नहीं। इस क्षति की पूर्ति किसी भाँति न हो सकेगी, क्योंकि संसार में एक भी ऐसा निपुण मूर्तिकार नहीं है जो इतनी सुन्दर एरास मूर्ति, बना सके । पिता, यह भी मरण रखिये कि यह प्रेम का देवता है ; इसके साथ निर्दयता करनी उचित नहीं । पिता, मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि प्रेम का अधर्म से कोई सम्बन्ध नहीं, और अगर मैं विषय भोग में लिप्त हुई तो प्रेम की प्रेरणा से नहीं, बल्कि उसकी अवहेलना करके, उसकी इच्छा के विरुद्ध व्यवहार करके । मुझे उन बातों के लिये कभी पश्चाताप न होगा जो मैंने उसके आदेश का उल्लंघन करके की हैं। उसकी कदापि यह इच्छा नहीं है कि स्त्रियाँ उन पुरुषों का स्वागत करें जो उसके नाम पर नहीं आते। इस कारण इस देवता की प्रतिष्ठ करनी चाहिये । देखिये पिता जी, यह छोटा सा 'एरास' कितना मनोहर है । एक दिन निसियास ने, जो उन दिनों मुझ पर प्रेम करता था, इसे मेरे पास लाकर कहा—"आज तो यह देवता यही रहेगा और तुम्हें मेरी याद दिलायेगा। पर इस नटखट बालक ने मुझे निसियास की याद तो कभी नहीं दिलाई, हाँ एक युवक की याद नित्य दिलाता रहा जो एन्टिओक में रहता था और जिसके साथ मैंने जीवन का वास्तविक आनन्द उठाया। फिर वैसा पुरुष नहीं मिला, यद्यपि मैं सदैव उसकी खोज में तत्पर रही। अब इस अग्नि को शान्त होने दीजिये, पिता जी ! अतुल धन इसकी भेंट हो चुकी । इस बाल- मूर्ति को आश्रय दीजिए और इसे स्वरक्षित किसी धर्मशाला में स्थान दिला दीजिये। इसे देखकर लोगों के चित्त ईश्वर की ओर प्रवृत्त होंगे, क्योंकि प्रेम स्वभावतः मन में उत्कृष्ट, और पवित्र विचारों को जागृत करता है।


• प्रेम का देवता ।