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अहङ्कार

वस्तुएँ बाहर लाई जा रही थीं कि पापनाशी ने थायस से कहा—

पहले मेरे मनमें यह विचार हुआ कि इस्कन्द्रिया के किसी चर्च के कोपाध्यक्ष को लाऊँ (यदि अभी यहाँ कोई ऐसा स्थान है जिसे चर्च कहा जा सके, और जिसे एरियन के भ्रष्टाचरण ने भ्रष्ट न कर दिया हो) और उसे तेरी सम्पूर्ण सम्पति दे दूॅ कि वह उन्हें अनाथ विधवाओं और बालकों को प्रदान कर दे और इस भाँति पापोपा- र्जित धन का पुनीत उपयोग हो जाय । लेकिन एक क्षण में यह विचार जाता रहा ; क्योंकि ईश्वर ते इसकी प्रेरणा न की थी। मैं समझ गया कि ईश्वर को कमी मंजूर न होगा कि तेरे पाप की कमाई ईसू के प्रिय भक्तों को दी जाय । इससे उनकी आत्मा को घोर दुःख होगा। जो स्वयं दरिद्र रहना चाहते हैं, स्वयं कष्ट भोगना चाहते हैं, इसलिए कि इससे उनकी आत्मा शुद्ध होगी, उन्हें यह कलुषित धन देकर उनकी आत्म-शुद्धि के प्रयत्न का विफल करना उनके साथ बड़ा अन्याय होगा। इसलिए मैं निश्चय कर चुका हूँ कि तेरा सर्वस्त्र अग्नि का भोजन बन जाये, एक धागा भी बाकी न रहे ! ईश्वर को कोटि धन्यवाद देता हूँ कि तेरी नावें और चोलियाँ और कुतियाँ जिन्हों ने समुद्र की लहरों से भी अगण्य चुम्बनों का आम्बादन किया है। आज ज्वाला के मुख और जिह्वा का अनुभव करेंगी। गलामों दौड़ो, और लकड़ी लाओ, और आग लाओ, तेल के कुप्पे लाकर लुढ़का दो, अगर और कपूर और लोहबान छिड़क दो जिसमें ज्वाला और भी प्रचण्ड हो जाय ! और थायस, तू घर में जा, अपने घृणित वस्त्रों को उतार दे, आभूषणों को पैरों तले कुचल दे, और अपने सबसे दीन गुलाम से प्रार्थना कर कि वह तुझे अपना मोटा कुरता दे दे, यद्यपि तू इस दान को पाने योग्य नहीं है, जिसे पहन कर यह तेरे फ़र्श पर झाडू लगाता है।