पृष्ठ:अहिंसा Ahimsa, by M. K. Gandhi.pdf/३०

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अहिसा जो कांग्रेस आज प्रिटिश सरकार के साथ मिलकार काम कर रही है वह ब्रिटिश सरकारक सामन्त देशी राज्यों के अन्दर बुश्मन ओर विदेशी मानी माय, यह बात तो असह्य है। राजकोट प्रिटिश रेजिटकी प्रेरणासे प्रमाकी आजादी के फरमानमें जो विश्वासघात किया गया है यह ऐसी गलती है जिसको यथासंभव जल्दी से जल्दी बुरुस्त करना ही चाहिये। यह तो ऐसा जहर है जो सारे शरीरमें व्याप्त हो रहा है। क्या वाइसराय महोदय राजकोटक महत्त्वको सससकार इस बहरको दूर करेंगे ? हरिमन सेयक ४ फरवरी, १९३९ देशी राज्यों में 'गुण्डाशाही' गांधीजीने वर्षासे गत ९ फरपरीको नीचे लिखा नक्तम प्रकाशित किया है हालग राजकोट और जयपुरपर मैन जो कई लेख लिखें हैं उनके सम्बन्ध मेरे आलोवकोंने मुझपर यह आरोप किया है कि मैंने उन लेखोंमें असत्य और हिसासे काम लिया है। ऐसे मालोचकोंको जवाब देना मेरा फर्ज है। सचमुच जबसे मैने सार्वजनिक जीवन में प्रवेश किया है। तभीसे मेरे सम्बन्धमें इस किस्मके आरोप किये गये। मगर मैं यह सहर्ष कह सकता हूँ कि बायको मेरे आलोचकोंको यह कबूल करना पड़ा कि मै असत्यपूर्ण और हिंसात्मक भाषा इरतेमाल करनेका दोषी नहीं था, और मेरे वक्तव्योंका आधार उनमें मेरा विषारा होता था, वेषकी भावना उनमें कभी नहीं होती थी। आज भी ठीक यही बात है। मै अपनी जिम्मेवारी भलीभांति समझता हूँ। मैं जानता हूँ कि मेरे अनेक देशवासी मेरे बदलव्यों में असंदिग्ध बता रखते हैं। मेरे वक्तव्यों के समर्थन में मुझसे प्रमाण मांगे गये हैं। मैने प्रमाण पेशश भी कर दिया है। सरदार पटेलने राजकोटपर जो वक्तव्य दिया है, उसमें रेजिडेण्डके उन शब्दोंको भी उधत कर दिया है, जो उसने कांग्रेस और उनके के बारे में काहे थे। रेजिक्षेण्ड, काकुर साहब और इनके सलाहकारोंकि बीच, जिनमें सर पेदिक मेडेल भी थे, जो बातचीत हुई थी, उसका तमाम खुलासा मेरे पास है। अभी तो नहीं, लेकिन अगर जरूरत समझी गयी तो उसे मौका मानेपर प्रकाशित कर दिया जायगा। __संगठित गुण्डाशाही प्रदर्शित करने सम्बन्ध हकीकत प्रकाशित कर दी गयी है। मैं मानता हूँ कि इसमें रेजिका हाल है, क्योंकि उसीने रियासत एजेंसीकी पुलिसको भेजा है। अतः उसके एजेण्टोफी कारगुजारियोंको जिम्मेवारी उसपर होनी ही चाहिये ।