भार्थिक भूगोल की लकड़ी का खूब उपयोग होता है और वनों से सम्बन्धित धन्धे उन्नति कर गए हैं। ऊष्ण कटिबन्ध के वनों में ऊपर लिखी हुई सुविधायें नहीं मिलती। छोटी छोटी घनी झाड़ियां, पौधे तथा बेलें वन को इस तरह ढके रहती हैं कि वनों में चलना और लकड़। को लाना कठिन हो जाता है । अत्यधिक वर्षा होने के कारण बहुधा दलदल हो जाता है जिनको पार करना कठिन होता है। अधिकाश वनों की जलवायु खराब होती है जिससे वनों में काम करने के लिए अधिक संख्या में मज़दूर तैयार नहीं होते । इन वनों में भिन्न भिन्न तरह के वृक्ष एक साथ उगे हुए होते हैं इस कारण उनको काटना और अलग अलग रखने में बड़ी ही कठनाई होती है। उदाहरण के लिए यदि मेहागनी (Malhogany) को काटना हो तो भिन्न स्थानों पर वह खड़ा मिलता है उसको सघन वन में ढूढ़ने में बहुत समय और परिश्रम नष्ट होता है। यही नहीं ऊष्ण कटिबन्ध (liopies) के वनों को न शक्ति की सुविधा है और न समीपवर्ती प्रदेश प्रौद्योगिक तथा कृषि की दृष्टि से उन्नत दशा में ही है। इन वनों में असु वधायें अधिक होते हुए भी कुछ सुविधायें भी हैं । एक तो बड़ी बड़ी नदियां होने के कारण लकड़ी को बहाकर लाने मे सुविधा होती है, दूसरे यह प्रदेश पिछड़े हैं इस कारण यहां मजदूरी सस्ती है । इसके अतिरिक्त इन प्रदेशों में मेहागनी, देवदारु (Teuk) और एवानी (Ebony) जैसी सुंदर मजबूत और मूल्यवान लकही मिलता है जिसकी संसार में बहुत अधिक मांग है। अभ्यास के प्रश्न १-वनों से मनुष्य को क्या लाभ हे समझाकर लिखिए। २-कागज तैयार करने के लिए नरम लकड़ी की लुन्दी किन देशों में मुख्यतः पाई जाती है। ३-पतझड़ के वन ( Deciduous Forests ) तथा कानीरस वन (Coniferous Forests ) के मुख्य वृक्ष कौन से हैं उनका वार्षिक महत्व क्या है। और वे कहा पाये जाते हैं। ४- संयुक्तराज्य अमेरिका के वनों का विस्तार पूर्वक विवरण कीजिए और उनके आर्थिक महत्व को समझाइए । ५-ऊष्ण कटिबन्ध के सदा हरे रहने वाले वन (Tropical Ever Green Porests ) कहाँ मिलते हैं और उनका आथिक महत्व स्या है?
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