मुख्य धन्धे-पशु-पक्षियों पर अवलम्बित धन्धे डेनमार्क, स्वीडन, और रूस तक फैला हुआ है। इसके अतिरिक्त भाइरलैंड भा बहुत अधिक मक्खन बनाता है। उत्तर फ्रान्त में बहुत अच्छा मक्खन तैयार होता है जो लंदन और पेरिस को जाता है । इंग्लिश चैनल (English Channel ) के द्वीपों का मुख्य धंधा मक्खन है । हालैंड तो बहुत प्राचीन काल से दूध के पशुओं के लिए प्रसिद्ध है। हालैंड के बहुत नम मैदान जिन पर बहुत उपजाऊ मिट्टी बिछी हुई है खेती के योग्य नहीं हैं किन्तु उन पर बहुत अच्छा चारा और घास उत्पन्न होती है। इन्हीं उपजाऊ घास के मैदानों पर डच किसान अपनी गायों को चराता है। डैनमार्क मक्खन बनाने में संसार में सर्वश्रेष्ठ है । डैनिश मक्खन की प्रसिद्धि संसार व्यापी है और ऐसा कोई देश नहीं है जहाँ के गृहस्थों के भोजन गृह में डेनमार्क का मक्खन काम में न लाया जाता हो सच तो यह है कि समस्त डेनमार्क एक विशाल गऊशाला है। दूध उत्पन्न करना डेनमार्क के किसानों का मुख्य धंधा है । मक्खन के धन्धे की आशातीत उन्नति होने के कारण डैनमार्क में अधिकांश भूमि चारा उत्पन्न करने के काम आती है और डैनमार्क अनाज बाहर से मँगाता है । डैनमार्क में मक्खन बनाने के एक हजार से भी अधिक कारखाने हैं। इनके अतिरिक्त स्वीडन, उत्तर पश्चिम जर्मनी, स्वीटज़रलैंड, तथा रूस में दूध और मक्खन का धंधा महत्वपूर्ण है। योरोप तथा अमेरिका में दूध के पशु की नस्ल को बहुत अच्छा बनाने का प्रयत्न किया गया है। हालैंड और डैनमार्क में १६ सेर से कम प्रति दिन दूध देने वाली गाय को आर्थिक दृष्टि से लाभदायक नहीं समझा जाता है । वहाँ की गायों का औसत १६ सेर से १८ सेर प्रति दिन और किसी जाति की गाय का प्रति दिन का औसत २० सेर भी होता है। उसकी तुलना में भारतवर्ष की गाय के दूध का औसत एक सेर प्रति दिन है। प्रास्ट्रलिया और न्युजीलैंड मक्खन और पनीर मँगाने वाले योरोपीय देशों से बहुत दूर हैं, परन्तु फिर भी शीत भण्डार रीति (Refrigeration) के आविष्कार से घी दूध का धन्धा पनप उठा है। श्रास्ट्रलिया का पूर्वीय तथा दक्षिणी समुद्र तट का प्रदेश दूध और मक्खन उत्पन्न करता है। न्यूज़ीलड ( Newzealand ) विशेष कर दूध के अन्धे में अधिक उन्नति कर गया है। न्यूज़ीलैंड का अधिकतर प्रदेश पहाड़ी होने के कारण वहाँ खेती अधिक नहीं हो सकती। अतएव न्यूजीलैंड के लिए दूध के धन्धों की उन्नति करना आवश्यक है। न्यूजीलैंड में पानी बहुत बरसता है । इस कारण वहाँ अच्छी घास की बहुतायत है। न्यू जीलैंड सरकार ने मक्खन के धन्धे को बहुत प्रोत्साहन दिया है। इस कारण न्यूजीलैंड का मक्खन ब्रिटेन तथा अन्य योरोपीय देशों में बहुत बिकता है। आज न्यूज़ीलैंड ने मक्खन बनाने में .
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