. तापक्रम खेती की पैदावार-भोज्य पदार्थ १५५ है। इनके अतिरिक्त फारमोसा, मारिशस, तथा ईजिप्ट और नैटाल में भी गन्ने की पैदावार तेजी से बढ़ती जा रही है। चुकन्दर से भी शकर तैयार होती है। जब इंगलैंड का नैपोलियन से युद्ध प्रारम्भ हुश्रा तो मध्य योरोप को शकर मिक्षना चुकन्दर ( Beet ) बंद हो गया। अतएव नेपोलियन ने मध्य योरोप में चुकन्दर की अधिकाधिक खेती कराना प्रारम्भ किया। तब से बराबर गन्ने की शकर तथा चुकन्दर को शक्कर में प्रतिद्वन्दिता रही है, किन्तु गन्ने की शकर आज भी अधिकतर खाई जाती है। चुकन्दर शीतोष्ण कटिबन्ध ( Temperate zone) की पैदावार है। इसके लिए मटियार भूमि अधिक उपयुक्त है । जिस ज़मीन पर चुकन्दर की पैदावार हो उसका ढालू होना जरूरी है जिससे पानी एक जगह पर न ठहर सके। चुकन्दर के लिए ६००फै० से लेकर ७०० फै. (Temperature ) लाभदायक होता है । यदि वर्ष भर वर्षा होती रहे तो भी फसल को हानि नहीं पहुँच सकती, किन्तु सितम्बर में सूर्य की तेज धूप तथा सूखी हवा अत्यन्त श्रावश्यक है। नहीं तो फसल पक नहीं सकती। 'त्रुकन्दर की खेती प्रतिवर्ष होती है और पौधे को अधिक बढ़ने नहीं दिया जाता । इसकी खेती में महनत बहुत करनी पड़ती है । इस कारण अधिकतर लड़के और त्रियां ही.खेतों पर काम करने के लिए रखी जाती हैं, जिससे मजदूरी कम देनी पड़े। ऐसा अनुमान है कि एक एकड़ चुकन्दर के खेत पर मक्का के खेत से बः गुने कुली चाहिए। चुकन्दर की फसल सितम्बर अथवा अस्टूबर में तैयार होती है। कुछ वर्ष पहले संसार में जर्मनी सबसे अधिक चुकन्दर पैदा करता था। किन्तु 'अब उसका स्पान सोवियट रूस ने ले लिया है। रूस के बाद क्रमशः जर्मनी, संयुक्तराज्य अमेरिका, फाँस, जैकोस्लोवाकिया, पोलैंड, इटली, हालैंड और बैलजियम मुख्य चुकन्दर उत्पन्न करने वाले देश हैं। इंगलैंड में भी अब चुकन्दर का पैदावार बढ़ रही है।
- गन्ने में चुकन्दर से कहीं अधिक शकर होती है। शक्कर बनाने में
केवल सफेद चुकन्दर काम में प्राता है, लाल चुफन्दर में शकर बहुत कम होती है। गन्ने की शक्कर बनने में पहले गन्ने को कोल्हू अपवा मशीन से पेर कर रस निकाल लिया जाता है फिर चूना तथा अन्य पदार्थो को मिलाकर गरमाकिया जाता है । तंत् उपरान्त राय बना लेते हैं। राब से शीरे को अलहदा करके दानेदार शक्कर तैयार की जाती है । चुकन्दर को धोकर उसके मशीन के द्वारा छोटे छोटे टुकड़े कर लिए जाते हैं फिर उसको .